अब फिर जिलों में होगा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का गठन
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) एक बार फिर अस्तित्व में आएगी। प्रमुख सचिव गृह ने सभी जिलों के कप्तानों को अपने यहां एसओजी के गठन के निर्देश दिये हैं।
एसओजी को करीब पांच साल पहले खत्म करने के बाद उसकी जगह ‘स्वॉट का गठन किया गया है। अब नए आदेश से अधिकारी दुविधा में पड़ गए हैं कि अलग से एसओजी का गठन किया जाए या फिर ‘स्वॉट को ही एसओजी के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए।
दरअसल, बदमाशों की गिरफ्तारी और उन पर अंकुश लगाने के लिए करीब 15 साल पहले एसओजी का गठन किया गया था। एसओजी को पूरे जिले में ऑपरेशन की स्वतंत्रा मिली थी। एसओजी के नाम से बदमाशों में दहशत होती थी। जिलास्तर पर बदमाशों के एनकाउंटर में भी एसओजी की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। वर्ष 2015 में एसओजी को खत्म कर उसकी जगह ‘स्वॉट का गठन कर कई शाखाएं बनाई गईं। दबिश और गिरफ्तारी के लिए ‘स्वॉट तथा महत्वपूर्ण मामलों की विवेचना के लिए क्राइम ब्रांच ने अपना काम शुरू किया। फिलहाल स्वाट की अपेक्षा क्राइम ब्रांच ज्यादा चर्चित है।
जिले का एसओजी भंग हुआ तो थानों में बना
शासन स्तर से एसओजी को खत्म किया गया पर थानेदारों ने अपने थानों पर उसी के तर्ज पर अपनी-अपनी एसओजी बना ली। थानेदार अपने तीन से चार सिपाही को थाने की एसओजी में रखने लगे पर वसूली की शिकायत के बाद उसे भी भंग कर दिया गया।
स्वाट के बारे में बताएंगे अफसर
पुलिस के अफसर मौजूदा स्वाट के बारे में शासन को जानकारी देंगे। माना जा रहा है उसके बाद भी अगर निर्देश होता है तो स्वाट की जगह एसओजी का गठन किया जा सकता है। पुलिस कप्तान ने पिछले दिनों तेज तर्रार पुलिसकर्मियों का घातक दस्ता तैयार किया है उसे स्वाट का क्यूआरटी दस्ता बनाया जा सकता है। फिलहाल, यह करने से पहले वह आला अधिकारियों से भी राय लेंगे।
एसओजी के गठन का आदेश आया है। एसओजी की जगह स्वाट पहले से ही जिले में काम कर रही है। स्वाट के अलावा अलग से एसओजी का गठन करना है या फिर स्वाट को एसओजी के रूम में बदलना है, इस संबंध में अधिकारियों से राय ली जाएगी।